जड़े सामान्यतः मूलांकुर से विकसित होती हैं।
ये प्रकाश स्रोत की दिशा में विकसित होती हैं।
जड़ों का अंतिम सिरा मूल गोप के द्वारा सुरक्षित रहता है।
एक बीजपत्री एवं द्विबीजपत्री पादपों की जड़े भिन्न-भिन्न होती हैं।
पौधे का वह भाग जो बीजों के अंकुरण के समय मूलांकुर से विकसित होता है, जड़ कहलाता है। जड़े प्रकाश के विपरीत तथा गुरूत्वाकर्षण की ओर वृध्दि करती हैं। इनका अंतिम सिर मूल गोप के द्वारा सुरक्षित रहता है। एकबीजपत्री में अपस्थानिक जड़ें तथा द्विबीजपत्री पादपों में मूसला जड़े पायी जाती हैं।
Post your Comments