मुद्रा स्फीति इंगित करता है कि, वस्तु समूह की कीमतों में वृध्दि बिन्दु से बिन्दु आधार पर हो रही है।
मुद्रा स्फीति की दर के नीचे जाने का तात्पर्य कीमतों का घटना नहीं है।
भारत में मुद्रा स्फीति की दर की गणना थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर की जाती है।
मुद्रा स्फीति के माप के लिए कुछ वस्तुओं की खुदरा कीमतों का भी ध्यान रखा जाता है।
किसी अर्थव्यवस्था में जब वस्तुओं के मूल्य में वृध्दि हो तथा मुद्रा के मूल्यों में कमी हो तो उस समय मुद्रा स्फीति की स्थिति उत्पन्न होती है। इसे मुद्रा प्रसार के नाम से भी जाना जाता है। इसकी गणना हेडलाइन स्फीति तथा कोर स्फीति के द्वारा भी की जाती है। हेडलाइन स्फीति में खाद्य एवं ईंधन को सम्मिलित किया जाता है, जबकि, कोर स्फीति में इन्हें सम्मिलित नहीं किया जाता है।
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