बैंक जमाएँ, जिनका निवेश नहीं किया जाता।
पूँजी, परिसम्पत्तियाँ, जो प्रयोग में नहीं हैं।
ऋण जिन पर ब्याज तथा मुख्य रकम की वसूली नहीं होती।
कम ब्याज वाले ऋण।
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिया गया वह ऋण जिसकी मुख्य रकम तथा उस पर देय ब्याज 90 दिनों तक वसूल नहीं हो पाती है तो उसे गैर - निष्पादनकारी परिसम्पत्तियों में शामिल कर दिया गया है। कृषि ऋण के सम्बंध में NPA 90 दिनों के स्थान पर फसली मौसम के आधार पर तय किया जाता है।
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