यह अजैविक एवं जैविक दोनों संघटकों से युक्त होता है।
यह एक बंद तंत्र होता है।
इसकी अपनी स्वयं की उत्पादकता होती है।
यह प्राकृतिक संसाधन तंत्र होता है।
पारिस्थितिकी तंत्र एक खुला तंत्र होता है क्योंकि इसमें ऊर्जा तथा पदार्थों का लगातार निवेश तथा बहिर्गमन होता है रहता है। ध्यातव्य है कि बंद तंत्र में यह क्रियाएं नहीं होता हैं।
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