बढ़ती है।
घटती है।
स्थिर रहती है।
बढ़ सकती है या घट सकती है।
पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह अजैविक प्रणाली से जैविक प्रणाली की दिशा में होता है। ऊष्मागतिकी के दूसरे नियम के अनुसार, जब ऊर्जा एक पोषण स्तर से अन्य स्तर में स्थान परिवर्तन करती है, तब उसका कुछ ह्रास (घटती) होता है। अर्थात हर पोषण स्तर पर उपलब्ध ऊर्जा की मात्रा घटती जाती है। इसलिए शीर्ष मांसाहारियों को सबसे कम ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
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