केवल 1 और 2
केवल 2
1, 2 और 3
शीतनिष्क्रियता उपर्युक्त में से किसी में भी नहीं प्रेक्षित की जा सकती
गिलहरी, भालू और कुछ कीटभक्षी चमगादड़ों को जब गर्म मौसम के आहार सर्दियों में नहीं मिलते हैं तब वे शीतनिष्क्रियता का सहारा लेते हैं। शीतनिष्क्रियता की स्थिति में इन प्राणियों का ताप गिरकर आश्रयस्थल के ताप के बराबर हो जाता है, स्वसन मंद हो जाता है, उपापचय घटता है और ये उसी वसा के सहारे जीवित रहते हैं, जो शीतनिष्क्रियता के पूर्व उनके शरीर में संचित हो जाती है। यहां उल्लेखनीय है कि कृंतक गण में गिलहरियां, छछूंदर, चूहे, मूषक आदि स्तनधारी प्राणील आते हैं।
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