शिवरीनारायण
राजिम
कुदुरमाल
रतनपुर
उत्तर रीतिकालीन काव्यधारा को छत्तीसगढ़ में प्रवाहित करने वाले संस्कृत के महाकवि बाबू रेवाराम रतनपुरिहा गम्मत व रहंस के प्रणेता माने जाते हैं। काशी के पंडितों ने इन्हें महापंडित की उपाधि देकर सम्मानित किया। इनका जन्म 1812 ई. में रतनपुर में हुआ था।
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