मछली
तिलचट्टा
केंचुआ
घोंघा
कॉकरोच के शरीर के पार्श्व भाग में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, ये छिद्र श्वासरन्ध्र कहलाते हैं। कॉकरोच में श्वसन इन्ही श्वास छिद्रों द्वारा होता है। ऑक्सीजन समृध्द वायु श्वास रन्ध्रो से श्वास नालों में जाकर शरीर के ऊतकों में विसरित होती है और शरीर की प्रत्येक कोशिका में पहुंचती है। इसी प्रकार कोशिकाओं से कार्बनडाई ऑक्साइड श्वासनालों में आती है और स्वास रन्ध्रों से बाहर निकल जाती है।
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