मौक्तिकम्
साधवो
माणिक्यम्
चन्दनम्
अस्मिन् श्लोके सवर्त्र साधवो न भवन्ति। उपरोक्त श्लोक अर्थ है - “सभी पहाड़ों पर मणि नहीं प्राप्त होती, सभी हाथियों में गजामुक्ता नामक मोती नहीं पाये जाते। सज्जन लोग सभी जगह नहीं पाये जाते और चन्दन का वृक्ष सभी वनों में नही पाया जाता”। अर्थात ये सब (मणि, मोती, साधु, चन्दन का वृक्ष) बड़े दुर्लभ होते हैं।
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