बोल भारमली - यादवेन्द्र शर्मा
पागी - चंद्रप्रकाश देवल
कोडमदे - मेघराज मुकुल
पगफेरो - मणि मधुकर
बोल भारमली (कविता), सत्य प्रकाश जोशी द्वारा रचित है। यादवेन्द्र शर्मा ‘चंद्र’ की रचनाएं- हूं गोरी किण पीव री, जोग संजोग, चांदा सेठानी, सम्मा अन्नदाता, मिट्टी का कलंक, जनानी ड्योढी, हजार घोड़ों का सवार, ढोल कुंजाकला, एक और मुख्यमंत्री, तासटोधर (नाटक), जमासे (कहानी)।
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