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हाल ही में गुजरात राज्य के वन विभाग के अनुसार, राज्य में गिर के जंगलों और सौराष्ट्र के अन्य कुछ हिस्सों में पाए जाने वाले ‘एशियाई शेरों’ संख्या में वर्ष 2015 में की गई गणना की तुलना 29% वृद्धि हुई है। वर्तमान में राज्य में एशियाई शेरों की कुल संख्या 674 बताई गई है, जबकि वर्ष 2015 में यह संख्या मात्र 523 ही थी। इस वर्ष राज्य में एशियाई शेरों की संख्या का अनुमान जनगणना से नहीं, बल्कि ‘पूनम अवलोकन’ नामक एक निगरानी प्रक्रिया के माध्यम से लगाया गया था। पूनम अवलोकन, शेरों की गणना के लिये प्रत्येक माह में पूर्णिमा की तिथि को आयोजित किया जाने वाला एक कार्यक्रम है जिसकी शुरुआत वर्ष 2014 में वन विभाग द्वारा वर्ष 2015 की ‘शेर जनगणना’ की तैयारियों के तहत की गई थी। इसके तहत निर्धारित तिथि को वन विभाग के अधिकारी और क्षेत्रीय कर्मचारी 24 घंटे के दौरान अपने कार्यक्षेत्र में शेरों की संख्या और उनकी अवस्थिति के आँकड़े दर्ज़ करते हैं।
हाल ही में गुजरात राज्य के वन विभाग के अनुसार, राज्य में गिर के जंगलों और सौराष्ट्र के अन्य कुछ हिस्सों में पाए जाने वाले ‘एशियाई शेरों’ संख्या में वर्ष 2015 में की गई गणना की तुलना 29% वृद्धि हुई है।
वर्तमान में राज्य में एशियाई शेरों की कुल संख्या 674 बताई गई है, जबकि वर्ष 2015 में यह संख्या मात्र 523 ही थी।
इस वर्ष राज्य में एशियाई शेरों की संख्या का अनुमान जनगणना से नहीं, बल्कि ‘पूनम अवलोकन’ नामक एक निगरानी प्रक्रिया के माध्यम से लगाया गया था।
पूनम अवलोकन, शेरों की गणना के लिये प्रत्येक माह में पूर्णिमा की तिथि को आयोजित किया जाने वाला एक कार्यक्रम है जिसकी शुरुआत वर्ष 2014 में वन विभाग द्वारा वर्ष 2015 की ‘शेर जनगणना’ की तैयारियों के तहत की गई थी।
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वर्तमान में राज्य में एशियाई शेरों की कुल संख्या 674 बताई गई है, जबकि वर्ष 2015 में यह संख्या मात्र 523 ही थी।
इस वर्ष राज्य में एशियाई शेरों की संख्या का अनुमान जनगणना से नहीं, बल्कि ‘पूनम अवलोकन’ नामक एक निगरानी प्रक्रिया के माध्यम से लगाया गया था।
पूनम अवलोकन, शेरों की गणना के लिये प्रत्येक माह में पूर्णिमा की तिथि को आयोजित किया जाने वाला एक कार्यक्रम है जिसकी शुरुआत वर्ष 2014 में वन विभाग द्वारा वर्ष 2015 की ‘शेर जनगणना’ की तैयारियों के तहत की गई थी।
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