प्रारम्भिक मान का तीन गुना
प्रारम्भिक मान का चार गुना
प्रारम्भिक मान का चार गुना
अपरिवर्तित
वस्तुओं में गति के कारण उत्पन्न ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं। वस्तु की गतिज ऊर्जा वस्तु की चाल (वेग) तथा द्रव्यमान पर निर्भर करती है। जितनी अधिक चाल होती है गतिज ऊर्जा भी उतनी ही अधिक होगी। वस्तु का द्रव्यमान ज्यादा होगा तो इसकी गतिज ऊर्जा भी ज्यादा होगी। यदि किसी पिण्ड की गतिज ऊर्जा अपने प्रारम्भिक मान का चार गुना हो जाए, तब नया संवेग प्रारम्भिक मान का दुगुना होगा।
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