प्रस्तावना में न्याय तीन भिन्न रूपों में शामिल हैं- समाजिक, आर्थिक व राजनीतिक। सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक न्याय के इन तत्वों को 1917 की रूसी क्रांति से लिया गया है।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना हर नागरिक को स्थिति और अवसर की समता प्रदान करती है।
हमारी प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व के आदर्शों को फ्रांस की क्रांति (1979) से लिया गया है।
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