कुंडलित
दीर्घवृत्तीय
अनियमित
टेढ़े-मेढ़े
हमारी पृथ्वी की अपनी एक मंदाकिनी है जिसे दुग्ध मेखला या आकाश गंगा कहते हैं। तारों का ऐसा समूह, जो धुँधला सा दिखाई पड़ता है तथा जो तारा निर्माण प्रक्रिया की शुरूआत का गैस पुंज मंदाकिनी कहलाता है। मंदाकिनी का 80% भाग सर्पिला है।
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