घास→कीड़े-मकोड़े→चिड़िया→बाज→गिद्ध
घास→मेंढ़क→बाज→साँप→गिद्ध
घास→कीड़े-मकोड़े→बाज→गिद्ध
घास→टिड्डे→साँप→गिद्ध
घास स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र की खाद्य श्रृंखला में जीवधारियों का सही क्रम इस प्रकार है- घास→कीड़े-मकोड़े→चिड़िया→बाज→गिद्ध किसी पारिस्थितिक तंत्र में खाद्य श्रृंखला विभिन्न प्रकार के जीवधारियों का वह क्रम है जिससे जीवधारी भोज्य एवं भक्षक के रूप में सम्बन्धित रहते हैं और इनमें होकर खाद्य ऊर्जा का प्रवाह एक ही दिशा में होता रहता है। प्राथमिक उत्पादक (हरे पौधे), प्रथम, द्वितीय, तृतीय श्रेणी के उपभोक्ता एवं अपघटनकर्ता (कवक एवं जीवाणु) आपस में मिलकर खाद्य श्रृंखला का निर्माण करते हैं क्योंकि वे आपस में एक-दूसरे का भक्षण करते हैं और भक्षक या भोज्य के रूप में सम्बन्धित रहते हैं।
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