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जड़ें सामान्यतः मूलांकुर से विकसित होती है
एक बीजपत्री एवं द्विबीजपत्री पादपों की जड़ें भिन्न भिन्न होती है
जड़ों का अंतिम सिरा मूल गोप के द्वारा सुरक्षित रहता है
ये प्रकाश स्तोत्र की दिशा में विकसित होती है
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