ब्रम्हा की
विष्णु की
बुद्ध की
शिव की
वेद काल में न तो मंदिर थी और न ही मूर्ति इंदौर वरुण आदि देवताओं की स्तुतियां जरूर होती है लेकिन उनकी मूर्ति पूजा नहीं होती थी। भारत में वैदिक काल के पतन और अनीश्रृखादी धर्म के उत्थान के बाद मूर्ति पूजा का प्रचलन हुआ। भारत में पहले प्रति मानव को पूजा गया मूर्ति बौद्ध की थी।
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