सामाजिक व्यय के 'योजना' तथा 'गैर-योजना' में वर्गीकरण की समाप्ति।
केन्द्र द्वारा संचालित योजनाओं की संख्या में वृद्धि।
रेलवे के वित्त को मुख्य बजट में सम्मिलित करना।
संघ बजट की तारीख को लगभग एक माह अग्रसित करना।
वर्ष 2017-18 के बजट में केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय योजनाओं की संख्या 66 से घटाकर 28 कर दी है। अत: केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की संख्या में कमी हुई न कि वृद्धि हुई।
Post your Comments