नाभिकीय संलयन रिएक्टरों के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए : i) वे भारी नाभिकों के विखण्डन के सिद्धान्त पर कार्य करते हैं। ii) साधारणतया उनकी टोकमाक डिजाइन होती है। iii) वे बहुत अधिक तापक्रम पर कार्य करते हैं। इनमें से -

  • 1

    केवल (i) और (iii) सही हैं।

  • 2

    केवल (i) और (ii) सही है।

  • 3

    केवल (ii) और (iii) सही हैं।

  • 4

    (i), (ii) और (iiii) तीनों सही हैं।

Answer:- 3
Explanation:-

नाभिकीय संलयन में दो हल्के नाभिक आपस में मिलकर एक भारी नाभिक का निर्माण करते हैं। अत: कथन (i) सही नहीं है। नाभिकीय संलयन अभिक्रियाओं को ताप-नाभिकीय अभिक्रियाएँ (Thermonuclear Reactions) कहते हैं, क्योंकि ये अभिक्रियाएँ बहुत ऊँचे ताप पर होती हैं। सामान्यत: नाभिकीय संलयन रिएक्टरों की टोकमाक डिजाइन होती है।

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