दस्तक
औरंग
वक्फ
गोमत्शा
उस परमिट को दस्तक कहा गया था, जिसके अधीन ईस्ट इण्डिया कंपनी को (1754 से) प्रत्येक प्रकार के लेन देन में मुक्तभाव से उपयोग, के लिए निरीक्षण और सीमा शुल्क से छूट प्राप्त थी। बंगाल में ईस्ट इंडिया कम्पनी दस्तक परिपत्र जारी करती थी, उनमें कम्पनी के अभिकर्ताओं को अधिकार दिया जाता था कि वे प्रान्त के अन्दर चुंगी अदा किए बिना व्यापार कर सकें।
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