एनी बेसेंट
मृदुला साराभाई
मुथुलक्ष्मी
सरोजिनी नायडू
सन् 1930 के प्रसिद्ध नमक सत्याग्रह में सरोजिनी नायडू, गाँधी जी के साथ चलने वाले स्वयं सेवकों में से एक थीं। गांधी जी की गिरफ्तारी के बाद गुजरात के धरासणा में लवण-पटल की पैकेटिंग करते हुए जब तक स्वयं गिरफ्तार न हो गई तब तक वह आंदोलन का संचालन करती रहीं। अंग्रेजों ने 'धरासणा' पर घोर अत्याचार किये थे। सरोजिनी नायडू ने उस परिस्थिति का बड़े साहस के साथ सामना किया और अपने बेजोड़ विनोदी स्वभाव से वातावरण को सजीव बनाये रखा।
Post your Comments