अपवर्तन
परावर्तन
जल की पारदर्शिता
विसरण
इनमें से कोई नहीं
किसी समांग माध्यम में प्रकाश किरणें एक सीध में संचरित होती है। लेकिन जब प्रकाश विभिन्न घनत्व वाले एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है, तो यह अपने एक रेखीय पथ से विचलित हो जाता है। प्रकाश का इस प्रकार एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करते समय उनकी सीमा पर अपने रेखीय पथ से विचलित होना ही 'प्रकाश का अपवर्तन' कहलाता है। स्वच्छ जल के तालाब की सतह भी अपवर्तन के कारण कुछ ऊपर उठी दिखाई देती है। यदि जल में पड़ी हुई किसी वस्तु की आभासी गहराई दी गई हो, तो इस आभासी गहराई में जल के अपवर्तनांक से गुणा करके वास्तविक गहराई की गणना की जा सकती है। यदि किसी मछली की आभासी गहराई 3M है, तो सतह से उसकी वास्तविक गहराई = 3 × 4/3 = 4 मी. जहां 4/3 जल का अपवर्तनांक है।
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