समुद्री जल की अशुद्धियों द्वारा नीले प्रकाश का अपवर्तन।
समुद्री जल द्वारा नीले आसमान का परावर्तन।
नीले रंग को छोड़कर शेष रंगों को समुद्री जल के अणु अवशोषित कर लेते हैं।
जल के अणुओं द्वारा नीले प्रकाश का प्रकीर्णन।
जब प्रकाश अणुओं, परमाणुओं व छोटे-छोटे कणों पर आपतित होता है, तो उसका विभिन्न दिशाओं में, प्रकीर्णन हो जाता है। वायुमंडल में विभिन्न गैसों के अणु, परमाणु व धूल-धुएं के छोटे-छोटे कण विद्यमान हैं। अत: जब सूर्य का प्रकाश जो कि सात रंगों (बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी व लाल) का बना होता है, वायुमंडल से गुजरता है, तो वह वायुमंडल में उपस्थित कणों द्वारा विभिन्न दिशाओं में प्रसारित हो जाता है। इसे ही 'प्रकाश का प्रकीर्णन' कहते हैं। प्रकीर्णन के कारण ही आकाश का रंग नीला दिखाई पड़ता है, समुद्र का पानी भी प्रकीर्णन के कारण ही नीला दिखाई पड़ता है।
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