वास्तविक और उल्टा
सीधा खड़ा और वास्तविक
आभासी और सीधा खड़ा
बढ़ा हुआ और वास्तविक
किसी वस्तु से चलने वाली प्रकाश किरणें कार्निया तथा नेत्रोद से गुजरने के बाद लेंस पर आपतित होती हैं तथा इससे अपवर्तित होकर काचाभ द्रव से होती हुई रेटिना पर पड़ती हैं, जहां पर वस्तु पर उल्टा एवं वास्तविक प्रतिबिम्ब बन जाता है।
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