दिन के अन्त में वह जाय्दा गर्म होता है।
वह केवल नारंगी लाल प्रकाश उत्सर्जित करता है।
सायंकाल में उसमें अधिक हीलियम होती है।
उसके प्रकाश को ज्यादा मोटा वायुमंडल भेदकर आना होता है इसलिए अन्य रंग प्रकीर्णित हो जाते हैं और हमारे पास नहीं पहुंचते।
सूर्यास्त या सूर्योदय के समय सूर्य गहरा नारंगी लाल रंग का दिखाई देता है, क्योंकि प्रकाश जब वायुमंडल से भेदभाव आता है, तो प्रकाश के अन्य घटक रंग प्रकीर्णित होकर अन्तरिक्ष में चले जाते हैं एवं लाल रंग प्रकीर्णित होकर हमारे पास पहुंचता है, क्योंकि लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है।
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