ऋग्वेद से
यजुर्वेद से
सामवेद से
अथर्ववेद से
वैदिक कर्मकाण्ड में 'होता या होतृ' का सम्बन्ध ऋग्वेद से हैं। इसका कार्य देवताओं को यत्र में आहूत (वैदिक कर्मकाण्ड) तथा ऋचा पाठ करते हुए स्तुति करना था। सामवेद के पाठकर्ता को उदातृ, यजुर्वेद के पाठकर्ता को अध्वर्यु तथा, अथर्ववेद के मंत्रों का उच्चारण करने वाला पुरोहित ब्रह्मा कहलाता था।
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