मीर सैय्यद अली
बसावन
उस्ताद मंसूर
अबुल हसन
उस्ताद मंसूर को 'मंसूर' के नाम से भी जाना जाता है। इसे मुगल बादशाह जहाँगीर ने संरक्षण प्रदान किया था। मंसूर दुर्लभ पशुओं, बिरेल पक्षियों और अनोखे पुष्पों आदि की चित्रकारी की थी। उसकी महत्वपूर्ण कृतियों में 'साइबेरिया का बिरला सारस' तथा 'बंगाल का एक पुष्प' है। अबुल हसन, जहाँगीर के समय का एक महान चित्रकार था। उदाहरण के लिए 'चिनार' के पेड़ पर असंख्य गिलहरी बैठी है, का चित्रण इसी समय अबुल हसन द्वारा किया गया था। बसावन, अकबर के समय का एक महान चित्रकार था। मीर सैय्यद अली फारस का एक प्रसिद्ध चित्रकार था। हुमायूँ जब निर्वासन का जीवन व्यतीत कर रहा था, तब उसकी मुलाकात वहाँ के दो महानतम् कलाकार 'मीर सैय्यद अली' और 'ख्वाजा अब्दुस्समद' से हुई थी। हुमायूँ ने मीर सैय्यद अली को 'नादिर-उल-अस्त्र' और अब्दुस्समद को 'शीरी कलम' की उपाधियों से सम्मानित किया था।
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