गर्म सामुद्रिक धाराओं का
विश्व के बढ़ते तापमान का
सामुद्रिक जल प्रदूषण का
सामुद्रिक जल की लवणता वृद्धि का
'प्रवाल विरंजन' विश्व के बढ़ते तापमान या वैश्विक तापमान का परिणाम है। प्रवाल विरंजन का सामान्य अर्थ होता है। शैवाल का सफेद रंग होने से प्रकाश संश्लेषण न होने के कारण शैवाल के अभाव में प्रवाल का भर जाना। जब सागरीय जल के औसत सामान्य तापमान में 1°C से अधिक वृद्धि हो जाती है तो शैवाल का रंग सफेद हो जाता है। ध्यातव्य है कि प्रवाल इन्हीं शैवालों को आहर के रूप में ग्रहण करते हैं, अत: प्रवाल की वृद्धि शैवालों की समृद्धि, बहुलता एवं प्राप्ति पर निर्भर करती है। हरे रंग के शैवाल प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा अपनी वृद्धि शैवालों की समृद्धि, बहुलता एवं प्राप्ति पर निर्भर करती है। हरे रंग के शैवाल प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिाय द्वारा अपनी वृद्धि करते हैं, परिणामस्वरूप प्रचुर आहार न मिल पाने के कारण प्रवाल मरने लगते है। इस समस्त प्रक्रिया को प्रवाल विरंजन कहते हैं। गर्म समुद्री धाराओं, समुद्री जल प्रदूषण तथा सामुद्रिक लवणता वृद्धि का परिणाम प्रवाल विरंजन नहीं है। भूमण्डलीय तापवृद्धि को प्रवाल विरंजन का प्रमुख कारण चिन्हित किया गया है।
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