कथन (A): उत्तरी गोलार्द्ध में पवन प्रतिरूप दक्षिणावर्त, तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में पवन प्रतिरूप वामावर्त होता है। कारण (R) : उत्तरी तथा दक्षिणी गोलार्द्धों में पवन-प्रतिरूपों की दिशाओं का निर्धारण कोरिऑलिस प्रभाव से होता है। नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए : कूट :

  • 1

    A और R दोनों सही हैं, और R,A का सही स्पष्टीकरण है

  • 2

    A और R दोनों सही है, और R,A का सही स्पष्टीकरण नहीं है

  • 3

    A सही है, परन्तु R गलत है

  • 4

    A गलत हैं, परन्तु R सही है

Answer:- 1
Explanation:-

धरातल पर प्रवाहित हवाओं की दिशा वायुदाब तथा पृथ्वी की घूर्णन गति द्वारा निर्धारित होती है। पृथ्वी की अक्षीय गति से उत्पन्न विक्षेपक बल के कारण हवाओं की दिशा में विक्षेप हो जाता है। इस बल की खोज जी.जी. कोरिऑलिस द्वारा किए जाने के कारण बाद में इसका नामकरण 'कोरिऑलिस बल' कर दिया गया। फेरल के नियमानुसार हवाएं उत्तरी गोलार्द्ध में दाहिनी ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में बायीं ओर मुड़ जाती हैं। सामान्यत: उत्तरी गोलार्द्ध का पवन प्रतिरूप दक्षिणावर्त और दक्षिणी गोलार्द्ध का वामावर्त होता है। अत: कथन (A) और कारण (A) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की स्पष्ट व्याख्या भी करता है।

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