विवादास्पद कार्यालय एक सार्वजनिक कार्यालय होना चाहिए।
कार्यालय बिना किसी विधिक प्राधिकार के किसी अपहारी द्वारा धारित होना चाहिए।
याचिका पूर्व न्यास द्वारा वर्जित है।
याचिकाकर्ता के लिए यह दर्शाना आवश्यक है कि उसने स्वयं व्यक्तिगत नुकसान उठाया है। यह दर्शाना आवश्यक नहीं है कि वह व्यक्तिगत शिकायत के निवारण की माँग कर रहा है।
भारतीय संविधान के अनुसार अनुच्छेद-32 व अनुच्छेद-226 के अनुसार क्रमश: उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय रिट सुनने का अधिकारिता है। जिसमें कुल 5 प्रकार के रिट को बताया गया है।
परमादेश,प्रतिषेध,उत्प्रेषण,अधिकारपृच्छा,बन्दीप्रत्यक्षीकरण है।
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