लोहा पानी में डूब जाता है।
लकड़ी पानी में तैरती है।
पारा पानी पर तैरता है।
लोहा पारे पर तैरता है।
पारा पानी पर तैरता नहीं है। पारे का घनत्व, द्रवों में सर्वाधिक होता है, जिससे उसके द्वारा हटाए गए जल का द्रव्यमान उसके स्वयं के द्रव्यमान से बहुत कम होता है। इससे उस पर नीचे की ओर लगने वाला बल उत्क्षेप से बहुत अधिक (w1>w2) होता है और पारा डूब जाता है।
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