1 2 3 4
2 1 3 4
3 1 4 2
2 1 4 3
भू-राजस्व निर्धारण के लिए अकबर ने भूमि का वर्गीकरण चार भागों में किया था- परती- जिस भूमि को उर्वरता प्राप्त करने हेतु दो से तीन वर्षों तक जोता नहीं जाता था, परती भूमि कहते थे। पोलज- लगभग प्रतिवर्ष कृषि की जाने वाली भूमि को पोलज कहते थे। बंजर - यह खेती योग्य भूमि नहीं ती, इसपर लगान नहीं वसूला जाता था। चाचर- जिस भूमि को तीन-चार वर्षों के लिए बिना बोए छोड़ दिया जाता था उसे चाचर भूमि कहते थे।
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