यह मूलत: किसी सूचीबद्ध कम्पनी में पूँजीगत साधनों द्वारा किया जाने वाला निवेश है।
यह मुख्यत: ऋण सृजित न करने वाला पूँजी प्रवाह है।
यह ऐसा निवेश है जिससे ऋण-समाधोशन अपेक्षित होता है।
यह विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में किया जाने वाला निवेश है।
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