कृषि
मिट्टी के बर्तन बनाना
पशुपालन
शिकार खेलना
पूर्वपाषाणकालीन मनुष्य का जीवन पूर्णतया प्राकृतिक था। वे प्रधानत: आखेट पर निर्भर थे। उनका भोजन मांस या कन्दमूल हुआ करता था। अग्नि के प्रयोग से अपरिचित रहने के कारण वे मांस कच्चा खाते थे। उनके पास कोई निश्चित निवास-स्थान भी नहीं था तथा उनका जीवन खानाबदोश अथवा घुमक्कड़ था। सभ्यता के इस आदिम युग में मनुष्य कृषि कर्म या पशुपालन से परिचित नहीं था और न ही वह बर्तनों का निर्माण करना जानता था।
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