बाबर
शेरशाह
अकबर
शाहजहाँ
अकबर की राजसभा में अनेक कुशल चित्रकार थे। ‘आइने अकबरी’ में अबुल फजल ने चित्रकारों के नाम इस प्रकार दिये हैं- मीर सैयद अली, ख्वाजा अब्दुल समद, फर्रुख बेग, मिस्किन, दसवन्त, बसावन, केशव, लाल मुकुन्द, जगन्नाथ, माधव, महेश खेमकरन, तारा, सावंल दास, हरिवंश, राम इत्यादि। ख्वाजा अब्दुल समद शीराज का निवासी थी। हुमायूँ ने समद का ‘शीरी कलम’ की उपधि दी थी। अकबर ने भी उस सम्मानित किया था, क्योंकि अकबर ने भी समद से चित्रकारी सीखी थी। अंत में उसे मुल्तान की दीवान नियुक्त किया गया।
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