रवीन्द्रनाथ टैगोर
मोहम्मद अली
लॉर्ड रीडिंग
मोतीलाल नेहरू
रौलेट एक्ट के पारित करने, जलियाँवाला बाग के भीषण गोलीकांड और खिलाफत के विवाद में अंग्रेजों की भूमिका से गाँधी जी अत्यंत पीड़ित हुए। 1920 में काँग्रेस ने अन्यायी सरकार से असहयोग करने का प्रस्ताव पारित किया। इसके अंतर्गत विदेशी कपड़े जलाए गए। सरकारी उपाधियों, विधानसभाओं, न्यायालयों शैक्षणिक संस्थाओं विदेशी सामानों के बहिष्कार का निर्णय लिया गया। इस दौरान 30000 व्यक्ति जेल गये। विदेशी कपड़ों को जलाये जाने को रवीन्द्रनाथ टैगोर ने एक निष्ठूर बर्बादी बताया था।
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