केवल 1
केवल 2
1 व 2 दोनों
न तो 1 और न ही 2
भारतीय रियासतों के प्रति संवेदनशील कुछ गणमान्य व्यक्तियों ने बम्बई में 1927 में एक केन्द्रीय संस्था ‘ऑल इण्डिया स्टेट्स पीपुल्स कान्फ्रेंस’ की स्थापना की, जिससे रियासती आंदोलन को नेतृत्व प्रदान किया जा सके। इसमें बलवंत राय मेहता, मणिलाल कोठारी, जी.आर. आयंगर आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई। दिल्ली और पूना की बैठकों के बाद जब ब्रिटिश सरकार ने कांग्रेस-सहभागिता के प्रस्ताव को ठुकरा दिया तो गाँधीजी ने विचार दिया कि सीमित धरातल पर सविनय अवज्ञा आंदोलन छेड़ दिया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि पुरुषों और महिलाओं में से प्रत्येक को व्यक्तिगत रूप से इस बात का प्रतिकर करना चाहिए कि उन्हें युद्ध में न घसीटा जाए। अतः व्यक्तिगत सत्याग्रह शुरू करने में राजगोपालाचारी उत्तरदायी नहीं थे।
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