स्वतंत्रता प्रदान करने के कार्य को स्थगित करें
जिन्ना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें
नेहरू एवं जिन्ना को साथ-साथ सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करे
सेना को कुछ समय के लिए अधिकार ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करें
24 मार्च, 1947 ई. को माउंटबेन ने भारत के गवर्नर जनरल का पद ग्रहण किया। भारत आते ही माउंटबेटन ने भारत की राजनीतिक स्थिति पर काबू पाने के लिए देश के विभिन्न नेताओं से मुलाकात की तथा प्रांतों के गवर्नरों की एक सभा बुलाई। कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में नेहरू और पटेल, माउंटबेटन से कई बार मिले। गांधी जी की प्रथम मुलाकात माउंटबेटन से 31 मार्च, 1947 ई. को हुई। गाँधी जी का यह सुझाव था कि अंतरिम सरकार को पूर्ण रूप से लीग के नेता जिन्ना के हाथों सौप दिया जाए, जिससे भारत में साम्प्रदायिक दंगों को रोका जा सके। परन्तु गाँधी जी का यह सुझाव कांग्रेस नेताओं तता वर्किंग कमेटी को मान्य नहीं था।
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