केवल 1
केवल 2
केवल 1 और 2
इनमें से कोई नहीं
क्रय शक्ति में कमी के कारण ऋणदाता हानि की स्थिति में होता है जबकि ऋणी को लाभ प्राप्त होता है। क्रय शक्ति में गिरावट के कारण ऋणदाता को जो ब्याज तथा मूलधन के रूप में रूपया प्राप्त होता है उसकी क्रयशक्ति अत्यन्त ही कम होती है इसलिए ऋणदाता को हानि होती है पर ऋणी को लाभ होता है।
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