गुरूत्व नहीं होता है
वायुमण्डल में श्यानता बल बहुत तीव्र होता है
सौर वायु ऊपर की ओर बल लगाती है
वायुमंडलीय दबाव बहुत कम होता है
अंतरिक्ष यात्री निर्वात् में सीधे खड़े नहीं हो सकते क्योंकि गुरूत्व नहीं होता है। ज्ञातव्य है कि जिस बल द्वारा पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केन्द्र की ओर खींचती है उस बल को उस वस्तु का भार कहा जाता है। अत: पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार पृथ्वी द्वारा उस पर लगे गुरूत्व बल के बराबर होता है।
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