कंठ (लैरिक्स)
श्वास नली
फेफड़ा
मुँह
मानवों में, आवाज कंठ (लैरिंक्स) द्वारा उत्पन्न होती है। स्वरग्रंथि या स्वरतंत्र मनुष्यों और अन्य स्तनधारी जीवों के गले में मौजूद एक ग्रन्थि होती है जिसके प्रयोग से जीव भिन्न प्रकार की ध्वनियों में बोल पाते हैं। स्वरग्रंथि के अन्दर बहुत से स्वर-रज्जु होते हैं। जब इन स्वर रज्जुओं के ऊपर से हवा का तेज बहाव होता है तब इनकी कपकंपी से अलग-अलग ध्वनियों की आवाज पैदा होती है, ठीक उसी तरह जैसे किसी सितार के तारों के बीच के कंपन से विभिन्न सुरों का संगीत पैदा होता है।
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