पूर्वी भारत
दक्षिण भारत
उत्तरी विन्ध्य क्षेत्र
कश्मीर घाटी
दक्षिण भारत में स्थिर ग्राम्य जीवन की आधार-रेखा नव-पाषाणकालीन संस्कृति से प्राप्त होती है। खेती की फसलों में बाजरा और चना मिला है। मवेशियों, भेड़-बकरियों के विस्तृत अवशेष तथा अन्य पशुओं की अस्थियां मिली हैं, जिनसे अर्थव्यवस्था में पालतू-पशुओं के महत्व का संकेत मिलता है। इस संस्कृति के लोग अपने मवेशियों को संभवत: प्रत्येक वर्ष की किसी कालावधि में अपने घरों के बाहर बाँध देते थे। जिस इलाके में मवेशी रखे जाते थे, उसमें लकड़ी के डंडों की बाड़ लगा दी जाती थी। बाड़ के भीतर जो गोबर एकत्र होता था उसे प्रतिवर्ष बाड़ के डंडों के साथ ही जला दिया जाता था।
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