अबुल हसन
अब्दुस समद
दसवन्त
मीर सैयद अली
जहांगीर के अधीन असंख्य चित्रकार काम करते थे उनमें से फारूख बेग, दौलत, मनोहर, विशनदास, मंसूर और अबुल हसन ऐसे चित्रकार हैं जिन्होंने अपनी कलात्मक प्रतिभा की बदौलत मुगल चित्रकला के इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित करवा लिया है। उनकी विशेषज्ञता का सम्मान करते हुए उसने अबुल हसन को नादिरूज्जमाँ और मंसूर को नादिर-अल-अस्त्र की उपाधि दी थी। अब्दुल समद और मीर सैयद अली दोनों हुमायूँ का फारसी चित्रकार थे। इन्हीं दोनों चित्रकारों के अथक परिश्रम से हम्जानामा का चित्रण हुआ। आइने-अकबरी में पंद्रह चित्रकारों के नाम गिनाए गये हैं ।
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