दो वर्ष का
एक वर्ष का
तीन वर्ष का
चार वर्ष का
प्राक्कलन समिति के सदस्यों का कार्यकाल 1 वर्ष होता है। प्राक्कलन समिति के सदस्यों की संख्या 30 होती है। इस समिति में राज्यसभा का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होता है। इसके सदस्यों का चुनाव प्रतिवर्ष लोकसभा द्वारा इसके सदस्यों में से किया जाता है। कोई मंत्री समिति का सदस्य नहीं हो सकता। यह सबसे बड़ी संसदीय समिति होती है। समिति का कार्य बजट में सम्मिलित प्राक्कलनों की जाँच करना तथा सार्वजनिक व्यय में किफायत के लिए सुझाव देना है। इसीलिए इसे 'सतत किफायत समिति' के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
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