केवल 1 और 2
केवल 3
केवल 2 और 3
1,2 और 3
वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (FSDC) वर्ष 2008 की वैश्विक मंदी के पश्चात की घबराहट का परिणाम थी जिसने सरकार को भारत के सम्पूर्ण वित्तीय क्षेत्र के लिए अन्तर नियामक पर्यवेक्षण हेतु संकेत किया। इन्हीं समस्याओं के निराकरण हेतु दिसंबर, 2010 में FSDC की स्थापना की गई। केंद्रीय वित्त मंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं जिसके सदस्यों में RBI के गवर्नर तथा सेबी, इरडा, पीएफआरडीए के अध्यक्षों सहित वित्त सचिव आदि शामिल है। यह निकाय नीति आयोग का अंग नहीं है। इस प्रकार प्रश्नगत कथन (1) असत्य है जबकि कथन (2) और (3) सत्य हैं।
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