फिरोजशाह तुगलक ने जौनपुर नगर की स्थापना की थी
फिरोजशाह तुगलक ने दार-उल-शफा स्थापित किये थे
फिरोजशाह तुगलक ने दासों के रख-रखाव के लिए दीवान-ए-बंदगान स्थपित किया
फिरोजशाह तुगलक ने अपनी आत्मकथा तुर्की भाषा में लिखी थी
फिरोजशाह तुगलक के संदर्भ में दिये गये चारों कथन सत्य है। उसने स्वयं आत्मकथा ‘फुतुहात-ए-फिरोजशाही’ नामक कोटला फिरोजशाह, फतेहाबाद, हिसार, जौनपुर और फिरोजपुर आदि महत्वपूर्ण नगरों की स्थापना की। उसने ‘ दर-उल-शफा. नामक एक राजकीय अस्पताल की स्थापना की, जिसमें इलाज मुफ्त होता था। फिरोजशाह दासों का बहुत शौकिन था, उसने दासों के रखरखाव के लिए एक पृथक विभाग ‘ दीवान-ए-बंदगान’ की स्थापना की थी।
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