चार्टर अधिनियम - 1853
भारत सरकार अधिनियम - 1858
भारत परिषद अधिनियम - 1861
भारत परिषद अधिनियम - 1892
भारत परिषद अधिनियम, 1861 से ही संवैधानिक विकास के दौरान संसदीय प्रणाली का सूत्रपात माना जाता है। ज्ञातव्य है कि इस अधिनियम द्वारा ‘कार्यकारिणी परिषद’ में विधायी कार्यों के लिए कुछ गैर-सरकारी सदस्यों के लिए स्थान सुरक्षित किया गया। यहीं से भारत में पहली बार प्रतिनिधि संस्थाओं का शुभारम्भ हुआ। इस अधिनियम के अंतर्गत बंगाल, उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत और पंजाब में क्रमशः 1862 , 1866 और 1897 में विधान परिषदों का गठन हुआ।
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