A और D
B और C
A और C
A और B
26 मार्च 1974 ई. को उत्तराखण्ड के वनों में शांत और अहिंसक विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसका कारण व्यवसाय के लिए हो रही बनों की कटाई को रोकना था और इसे रोकने के लिए महिलाएं वृक्षों से चिपककर खड़ी हो जाती थी, जिसे 'चिपको आंदोलन के नाम से जाना गया है।
इस आंदोलन के प्रणेता सुन्दर लात बहुगुणा और कार्यकर्ता मुख्यत: ग्रामीण महिलाएं थी।
चन्डी प्रसाद भट्ट एक पर्यावरणविद व सामाजिक कार्यकर्ता है, जिन्होंने 1964 में 'दमोली ग्राम स्वराज्य संघ' की स्थापना की जो कालान्तर में चिपको आदोलन की मातृ संस्था
बनी।
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