आत्मनिर्भरता
विश्व व्यापार संगठन के मानकों के अंतर्गत कृषि निर्यात तथा आयात कर सकना
भूमि का इस प्रकार प्रयोग करना ताकि उसकी गुणवत्ता अक्षुण्ण बनी रहे
कृषि प्रयोग हेतु अप्रयुक्त भूमि को प्रयोग में लाना
पारिस्थिकीय तंत्र की आवश्यकताओं तथा माँगों एवं मानवीय गतिविधियों को अनुकूल बनाने की तकनीक को धारणीय कृषि कहते है। यह संकल्पना मुख्यतः कार्बननिक कृषि में जैव उर्वरकों के उपयोग, फसल चक्र फसल अपशिष्टों तथा उप भूखण्डीय कार्बनिक अपशिष्टों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
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