शिवाजी को 35 में से 23 किले मुगलों को समर्पित करने थे
शिवाजी ने अपने पुत्र शम्भाजी को मुगल बादशाह औरंगजेब की सेवा में भेजना स्वीकार कर लिया
शम्भा जी को 5000/5000 मनसब प्रदान किया गया
शिवाजी से यह अपेक्षा नहीं थी कि वह मुगल सेनापतियों को बीजापुर अभियानों में सहायता प्रदान करे
पुरन्दर की सन्धि (जून, 1665) शिवाजी तथा मुगल सेनापति जयसिंह के बीच हुई थी। इस सन्धि के मुख्य प्रावधान इस प्रकार है- (1) शिवाजी ने अपने 232 किले और करीब 4 लाख हूण की वर्षिक आय की भूमि मुगलों को दे दी। (2) रायगढ़ को सम्मिलित करके शिवाजी के पास केवल 12 किले और एक लाख हूण की वार्षिक आय की भूमि रही, (3) शिवाजी ने मुगल आधिपत्य को स्वीकार कर लिया परन्तु अपने स्थान पर अपने पुत्र शम्भाजी को 5000 घुड़सवारों के साथ मुगलों की सेवा मे भेजना स्वीकार किया। (4) शिवाजी ने बीजापुर के विरुद्ध मुगलों को सैनिक सहायता देने का वायदा किया। बाद में एक शर्त इस सन्धि में और जोड़ी गयी कि यदि शिवाजी बीजापुर के नियंत्रण में कोंकण क्षेत्र पर दावा करना चाहते हैं तो उन्हें मुगलों को 40 लाख का अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
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